NIT श्रीनगर में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे गैर-कश्मीरी छात्रों से प्रशासन ने तिरंगा छीन लिया और उन्हें कैंपस में प्रदर्शन के दौरान तिरंगा लहराने की इजाजत नहीं दी जा रही है। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि बार-बार अनुरोध के बावजूद जब उन्हें तिरंगा नहीं लौटाया गया, तब उन्होंने ड्राइंग पेपर्स पर तिरंगा बना लिए और प्रदर्शन को जारी रखा है।
इन छात्रों ने संस्थान के निदेशक के उस बयान को झूठ बताया है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि प्रदर्शनकारी छात्रों की संख्या महज 100 के करीब है।
एनआईटी श्रीनगर के कैंपस में फिलहाल 1600 से अधिक गैर-कश्मीरी छात्र शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में छात्राएं भी शामिल हैं।
मंगलवार को जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के NIT कैंपस में शान्तिपूर्ण तरीके से धरना दे रहे छात्रों पर पुलिस ने बर्बरता से लाठीचार्ज किया।
पुलिस ने छात्रों को न केवल घेरकर पीटा, बल्कि हवाई फायरिंग भी की। इस बर्बर कार्रवाई में कम से कम 125 गैर-कश्मीरी छात्र घायल हो गए।
विवाद की शुरुआत 31 मार्च को भारत-वेस्टइंडीज क्रिकेट मैच के बाद हुई थी। इस मैच में वेस्टइंडीज के जीतने के बाद, कश्मीरी छात्रों ने पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे लगा कर जश्न मनाया था। इसका विरोध करने पर गैर-कश्मीरी छात्रों की पिटाई कर दी गई।
बाद में प्रताड़ित छात्रों के समूह ने एनआईटी कैंपस में तिरंगा लहराया और भारत माता की जय के नारे लगाए।
इस घटना के बाद से ही गैर-कश्मीरी छात्रों को धमकियां मिल रहीं थीं।
इन छात्रों ने आरोप लगाया है कि कॉलेज प्रशासन उन छात्रों का साथ दे रहा है, जो पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे लगाते हैं और भारत को गालियां देते हैं।