स्वदेशी फाइटर जेट तेजस आज भारतीय वायु सेना के बेड़े में शामिल हो गया। बेंगलुरू में शंखनाद की ध्वनि के बीच देश में बने पहले लड़ाकू विमान तेजस को वायु सेना में शामिल किया गया।
इन विमानों के शामिल होने से भारत की ताकत में इजाफा होगा।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि ये विमान 1350 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आसमान में उड़ान भर सकते हैं। तेजस दुनिया के सबसे बेहतरीन फाइटर प्लेन को टक्कर देने की हैसियत रखता है।
तेजस विमानों के लिए खास स्क्वाड्रन बनाया गया है। इसका नाम रखा गया है ‘फ्लाइंग डैगर्स फोर्टीफाइव’। इस स्क्वाड्रन में फिलहाल सिर्फ दो विमान होंगे। वर्ष 2017 तक इसमें 6 और विमानों को शामिल किया जाएगा।
आने वाले समय में भारतीय वायुसेना में कुल 120 तेजस फाइटर प्लेन्स शामिल किए जाने की योजना बनाई जा रही है। ये विमान न केवल अत्याधुनिक हथियारों और राडार प्रणालियों से लैस होंगे, बल्कि हवा में ईंधन भरने में भी सक्षम होंगे। ये जल्द ही मिग विमानों की जगह लेंगे।
सुरक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि तेजल दुनिया में एक उत्कृष्ट फाइटर जेट के रूप में उभर रहा है। इसके विकास के दौरान इस विमान ने करीब 3 हजार बार उड़ान भरी है, वह भी ढाई हजार घंटे के सफर में। इसका प्रदर्शन बेमिसाल रहा है।
बताया गया है कि फिलहाल तेजस में हथियार फिट नहीं है, लेकिन अगले साल के अंत तक इसे हथियारों से लैस कर दिया जाएगा।