प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सार्क शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है। केन्द्र सरकार ने ऐलान किया है कि ‘मौजूदा हालात में भारत सरकार इस्लामाबाद में प्रस्तावित शिखर सम्मेलन में भाग लेने में असमर्थ है।’
#WATCH: MEA Spokesperson Vikas Swarup says “in the prevailing circumstances, GoI is unable to participate in SAARC Summit in Islamabad” pic.twitter.com/OrVLhzoq5J
— ANI (@ANI_news) September 27, 2016
भारत के इस फैसले के बाद बांग्लादेश, अफगानिस्तान और भूटान ने भी सार्क सम्मेलन में भाग लेने से इन्कार कर दिया है। वहीं, दूसरी तरफ आतंकवाद के मुद्दे पर नेपाल ने भारत का समर्थन किया है और पाकिस्तान से अपना रुख साफ करने के लिए कहा है।
माना जा रहा है कि भारत के फैसले से यह सम्मेलन रद्द हो सकता है। दक्षेस चार्टर के अनुसार किसी एक शासन प्रमुख की अनुपस्थिति में भी शिखर सम्मेलन नहीं हो सकता।
मंगलवार की देर रात इस फैसले की घोषणा करते हुए भारत ने कहा कि ‘‘एक देश’’ ने ऐसा माहौल बना दिया है जो शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के अनुकूल नहीं है.
(cnt)in internal affairs of Member States by 1country hv created environment thats not conducive to successful holding of summit in Pak: MEA pic.twitter.com/gbet7BkOWz
— ANI (@ANI_news) September 27, 2016
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहाः
‘‘भारत ने दक्षेस के मौजूदा अध्यक्ष नेपाल को अवगत करा दिया है कि क्षेत्र में सीमापार से आतंकवादी हमलों में वृद्धि और एक देश द्वारा सदस्य देशों के आंतरिक मामलों में बढ़ते हस्तक्षेप ने ऐसा वातावरण बना दिया है, जो 19वें दक्षेस सम्मेलन के सफल आयोजन के अनुकूल नहीं है।’’
India has conveyed to current SAARC Chair Nepal that increasing cross-border terror attacks in the region and growing interference(cont):MEA pic.twitter.com/rLk4LCf3ws
— ANI (@ANI_news) September 27, 2016
विदेश मंत्रालय के बयान में यह भी कहा गया है कि हम यह भी समझते हैं कि दक्षेस के कुछ अन्य सदस्य देशों ने भी नवंबर 2016 में इस्लामाबाद में आयोजित सम्मेलन में शामिल होने को लेकर अपनी असमर्थता जताई है।
इस बीच, भारत के इस फैसले पर पाकिस्तान ने अपनी प्रतिक्रिया में आश्चर्य जताते हुए कहा है कि उसे इस बारे में आधिकारिक रूप से कोई जानकारी नहीं दी गई है।