आर्थिक विकास के मामले में भारत जल्द ही न केवल चीन को पीछे छोड़ देगा, बल्कि पूरी दुनिया की धूरी भी बन जाएगा। यह दावा हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अध्ययन में किया गया है। हार्वर्ड सेंटर फॉर इंटरनैशनल डिवेलपमेंट के अध्ययन में कहा गया है कि वर्ष 2025 तक चीन का आर्थिक विकास दर गिरकर 4.41 फीसदी रह जाएगा, जबकि भारत प्रतिवर्ष 7.72 फीसदी की तेज गति से आगे बढ़ेगा। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह स्थिति अगले एक दशक तक बनी रह सकती है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस रिपोर्ट में वियतनाम, इंडोनेशिया, यूगांडा, केन्या और मेक्सिको जैसे देशों की अर्थव्यवस्था के चीन से तेज रहने की बात कही गई है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा चीन के राष्ट्रपति जी जिनपिंग (फाइल फोटो)
अध्ययन में कहा गया हैः
“पिछले एक दशक में चीन में तेज आर्थिक विकास की वजह से उसकी आय और विविधता में लगातार अंतर कम हुआ है। यही वजह है कि आने वाले दिनों में इस देश को धीमी आर्थिक ग्रोथ का सामना करना पड़ सकता है।”
इस अध्ययन के बारे में हार्वर्ड केनेडी स्कूल के प्रफेसर रिकार्डो हॉसमन कहते हैंः
“तेल पर आधारित बड़ी अर्थव्यवस्थाएं एक ही स्रोत पर अपनी निर्भरता से संकट महसूस कर रही हैं। भारत, इंडोनेशिया और वियतनाम ने नई क्षमताएं विकसित की हैं। इससे इन देशों की अर्थव्यवस्था में अधिक आयाम पैदा हुए हैं।”
अध्ययन में इस बात पर जोर दिया गया है कि प्रत्येक देश की आर्थिक विकास दर उसकी अर्थव्यवस्था की विविधता पर निर्भर करता है।