हमारे देश में शहर भले ही कितने भी हाईटेक क्यों न हो जाएं, खराब सड़कें और बेतरतीब व्यवस्था से निजार नहीं मिलती है। दरअसल, समय बीतने के साथ ही यह हमारी पहचान में शामिल होता जा रहा है। भिखारियों की समस्या भी आम है। छोटे शहर हों या बड़े, भीख मांगने वाले आपको थोक में मिल जाएंगे। खासकर पर्यटनस्थलों पर तो यह एक बड़ी समस्या है। अब सरकार भी इस समस्या को संज्ञान में लेने लगी है, तभी हैदराबाद में भीख मांगने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि, कहा जा रहा है कि यह प्रतिबंध अल्पकालिक है।
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की बेटी इवांका ट्रम्प अपनी भारत यात्रा पर आ रही हैं। इस दौरान उनका हैदराबाद जाने का भी कार्यक्रम है। यही वजह है कि इवांका जब तक हैदराबाद में रहेंगी, तब तक यहां भिखारी भीख नहीं मांग सकेंगे।
इवांका ट्रम्प हैदराबाद में 28 से 30 नवंबर को होने वाली वैश्विक उद्यमिता शिखर सम्मेलन (जीईएस) में शामिल होंगी।
इस सम्मेलन का थीम ‘सर्वप्रथम महिलाएं, सभी के लिए समृद्धि’ है। इसका मकसद महिला उद्यमियों की सहायता करना और वैश्विक आर्थिक वृद्धि को मजबूती देना है। इस मौके पर इवांका ट्रंप दुनियाभर के 1000 उद्यमियों को संबोधित करेंगी।
इसके बाद शहर में 15 दिसंबर से विश्व तेलुगू सम्मेलन शुरू होगा। यह सम्मेलन 5 दिनों तक चलेगा, जिसमें हजारों तेलुगू एनआरआई के शामिल होने की संभावना है।
हाई-प्रोफाइल आयोजनों को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने शहर को साफ-सूथरा करने के लिए कमर कस ली है। सड़कों और मैनहोल की सफाई की जा रही है। वहीं शहर में भीख मांगने पर रोक लगा दी है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि शहर में भीख मांगने पर प्रतिबंध अगले साल 7 जनवरी तक लागू रहेगा।
इस संबंध में पुलिस कमिश्नर के दफ्तर से आदेश जारी किया गया हैः
“शहर में सार्वजनिक स्थानों और चौक-चौराहों पर भीख मांगने या बच्चे और अपंग लोगों से भीख मंगवाना प्रतिबंधित है। इस आदेश की अवहेलना करते पकड़े जाने पर दंडित किया जाएगा।”
इस फरमान से आप चौंक जरूर गए होंगे। हालांकि, यह पहली बार नहीं है। इससे पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की हैदराबाद यात्रा के दौरान भी इसी तरह के आदेश के जरिये भीख मांगने पर प्रतिबंध लगाया गया था।