धार्मिक रूढ़ियों के लिए बदनाम देश सऊदी अरब ने एक के बाद सुधारवादी कदम उठाकर दुनिया को नया संदेश दे रहा है। इसी कड़ी में उसने योग को ‘खेल’ का दर्जा दिया है।
योग के जन्मदाता देश भारत में जहां इसको लेकर धार्मिक बवंडर खड़ा किया जाता रहा है, वहीं इस्लामिक देश सऊदी अरब ने अपने फैसले से विश्वभर के मुसलमानों के लिए मिसाल कायम कर दी है। सऊदी ने योग को खेल के रूप में आधिकारिक मान्यता दी है।
सऊदी अरब में अब लाइसेंस लेकर योग सिखाया जा सकेगा। यहां योग को मान्यता दिलाने के लिए नोफ मारवाई लंबे समय से संघर्ष कर रही थीं। उनको सऊदी अरब की पहली महिला योग शिक्षक के रूप में जाना जाता है।
अरब योगा फाउंडेशन की फाउंडर नोफ का मानना है कि योग और धर्म के बीच किसी तरह का कोई मामला नहीं है। ये एक फिटनेस अभ्यास है और शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखता है। योग मानसिक फिटनेस के लिए भी अत्यंत उपयोगी है।
Saudi Arabia approves #Yoga. The Saudi Ministry of Trade & Industry has listed it under sports activities | @Zakka_Jacob with more details pic.twitter.com/u26SO32JU5
— News18 (@CNNnews18) November 14, 2017
भारत के लिए भी खुशी की बात है कि इसे इस्लामिक देश भी मान्यता प्रदान कर रहे हैं, जबकि भारत में भी इसे धार्मिक नजरिए से देखा जाता है और इस पर ओछी राजनीति की जाती है। भारत के प्रयासों के चलते ही योग को वैश्विक पहचान मिली है। 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग को स्वीकृति मिली और पूरी दुनिया 21 जून योग दिवस के रूप में मना रही है।
योग सच भारत का विश्व को दिया एक ऐसी सौगात है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण है।