शुरुआती समय से ही शराब या मदिरा का सेवन सेहत के लिए हानिकारक माना जाता रहा है। मेडिकल साइंस की तरक्की के साथ ही इस बात को और भी बल मिलता गया। कई शोधों में शराब का हमारे शरीर में होने वाला प्रतिकूल प्रभाव बेहद मजबूती के साथ सामने रखा गया है। यह अलग बात है कि इतने नुकसान होने के बावजूद शराब के धंधे में कभी मंदी का असर दिखाई नहीं देता।
शराबखोरी को देश के बड़े हिस्से में एक सामाजिक समस्या के तौर पर देखा जाता है। आए दिन शराब के ठेके बंद करवाने की मांग को लेकर देश के किसी न किसी कोने में प्रदर्शन होते ही रहते हैं। लेकिन इन सभी बातों को दरकिनार करते हुए भारतीय सेना में शराब को कभी प्रतिबंधित नहीं किया गया, बल्कि हमारे सैनिकों को सामान्य दर की तुलना में सस्ते दामों पर शराब मुहैया करवाई जाती है।
आखिर ऐसी क्या वजह है जो बेहद अनुशासित मानी जाने वाली भारतीय सेना में शराब को लेकर यह रवैया अपनाया जाता है? आइए जानते हैं।
ब्रिटिश काल से चली आ रही है सेना में शराब से जुड़ी परम्पराएं।
पुराने समय में भारतीय सैनिकों ने एक लम्बे अरसे तक ब्रिटिश रॉयल सेना के अंतर्गत रहते हुए काम किया है। रॉयल सेना में हमेशा से ही शराब पीने की परंपरा रही है। ब्रिटिश सैनिकों व अफसरों को राशन की अन्य सामग्रियों के साथ ही शराब की एक निश्चित मात्रा भी दी जाती थी। ब्रिटिश सेना जब भारत आई तो उसमें शामिल होने वाले भारतीय सैनिक भी इस परंपरा का पालन करने लगे।
अंग्रेजों के जाने के बाद भी भारतीय सेना में जवानों को अफसरों की निगरानी में शराब की एक निश्चित मात्रा दी जाने लगी। इस तरह ब्रिटिश सेना की यह परम्परा भारतीय सेना का भी हिस्सा बन गई।
सेना में पुरानी परम्पराओं एवं रिवाजों को बेहद अहमियत दी जाती है। सेना के जवान बेहद अनुशासित ढंग से इन परम्पराओं का पालन करने के लिए जाने जाते हैं।
इन्हीं परम्पराओं में से एक परंपरा यह भी है कि जब सेना में किसी नए अधिकारी की भर्ती होती है तो उस रेजिमेंट के अन्य जवान शराब का एक प्याला छलका कर अपने नए अधिकारी का स्वागत करते हैं। ऐसी एक नहीं, बल्कि कई परम्पराएं हैं जिसका काफी लम्बे समय से सैनिकों के द्वारा पालन किया जाता रहा है।
इसके अलावा एक महत्वपूर्ण कारण सैनिकों का कठिन काम भी है।
सेना के जवान आपके या हमारी तरह रोजाना घर से निकलकर किसी वातानुकूलित कमरे में बैठ आरामदायक काम नहीं करते हैं, बल्कि ये वीर जवान अपने घर से हजारों किलोमीटर दूर दुर्गम इलाकों में देश की सीमा पर पहरा देते हैं, ताकि आपके और हमारे जैसे करोड़ों भारतीय बिना किसी डर के अपनी जिंदगी जी सकें। कई बार इन सैनिकों के ऊपर लगातार शून्य से भी कम तापमान वाले इलाकों पर देश की सुरक्षा करने का जिम्मा होता है, जिसे ये बखूबी निभाते भी हैं। ऐसे दुर्गम इलाकों पर शरीर को गरम रखने के लिए शराब का सेवन अनिवार्य हो जाता है।
बर्फीले या ठन्डे इलाकों के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी सैनिकों को ऐसी विकट परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, जहां शराब एक अच्छे साथी की तरह उनका मनोबल बनाए रखने का काम करती है।
इन सभी वजहों के अलावा एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि सीमा रेखा पर तैनात जवानों को बेहद मुश्किल से खाली वक्त मिल पाता है। ऐसे में लगातार विकट परिस्थितियों के बीच रहने वाले इन जवानों के लिए यह जरूरी है कि वे खाली समय पर मानसिक व शारीरिक थकान से उबर सकें। सीमा रेखा में तैनाती के बाद मानसिक तौर पर सामान्य होने और अपने साथियों के साथ कीमती वक्त सही तरीके से बिताने में शराब इन जवानों के लिए बेहद मददगार साबित होती है।
शराब की वजह से अनुशासन टूटने पर मिलती है कड़ी सजा।
यदि आप सोच रहे हैं कि सैनिकों को हमेशा ही शराब के नशे में रहने की छूट मिली हुई है तो आप बिलकुल गलत हैं। अन्य किसी भी संस्थान की तुलना में भारतीय सेना को सबसे अधिक अनुशासित माना जाता है। सेना के लिए यह बेहद जरूरी है कि यह अनुशासन हमेशा बना रहे। ऐसे में यदि कोई भी सैनिक या अफसर ड्यूटी के समय अधिक मात्रा में शराब का सेवन करता है तो उसे बेहद कड़ी सजा भुगतनी पड़ती है।
इतना ही नहीं, सेना के अधिकारियों के द्वारा सैनिकों को मुहैया करवाई जाने वाली शराब का लिखित तौर पर पूरा हिसाब रखा जाता है। किसी भी सैनिक को शराब देने से पहले उसकी मात्रा का हिसाब इन दस्तावेजों में दर्ज करना अनिवार्य होता है।
सेना में जरूरत से अधिक मात्रा में शराब के सेवन को एक गंभीर अपराध के तौर पर देखा जाता है। दोषी पाए जाने पर आर्मी एक्ट के अंतर्गत सैनिक को कैद से लेकर कोर्ट मार्शल तक की सजा सुनाई जा सकती है।
अपने अदम्य साहस और अनुशासन की वजह से भारतीय सेना हम सभी के द्वारा सम्मान की नज़रों से देखे जाने की पूरी हकदार है। एक भारतीय होने के नाते हम सभी को अपनी सेना के इन वीर जवानों पर गर्व होना चाहिए। इस वक्त भी आखिर इन्हीं जवानों की वजह से आप अपने देश में सुरक्षित बैठकर यह लेख पढ़ पा रहे हैं।