आज़ादी के 70 साल बाद देश आर्थिक रूप से बहुत मज़बूत हुआ है और आधारभूत सरंचनाओं में भी बहुत सुधार हुआ है, लेकिन अभी और सुधार होने बाकी हैं जो देश को एक महाशक्ति बनाएगा। आज़ादी के बाद से भारत ने बहुत तरक्की की है। हालांकि, अब जो काम हो रहा है उसमें भारत सरकार की ये 7 योजनाएं अगर समय पर पूरी हो जाएगी तो विकास की दिशा में भारत का चेहरा हमेशा-हमेशा के लिए बदल जाएगा।
1. भारतमाला
भारत सरकार की ये महत्वपूर्ण योजना इस साल के अंत तक शुरू होगी और 2022 में इसके पूरा होने की उम्मीद है। इस योजना के पहले चरण में पूरे भारत में 35 हजार किलोमीटर का रोड नेटवर्क बनेगा जिसपर 5.35 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे। दूसरे चरण में 30 हजार किलोमीटर से ज़्यादा सड़क बनने की उम्मीद है। उस योजना के तहत देश के सभी राज्यों को एक-दूसरे से अच्छी तरह जोड़ दिया जाएगा, इसमें उत्तर-पूर्वी राज्य भी शामिल हैं, जहां रोड कनेक्टिविटी अभी उतनी अच्छी नहीं है। इससे यातायात तो आसान और सुविधाजनक हो ही जाएगा साथ ही 22 मिलियन लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
2. सागरमाला
इस महत्वपूर्ण परियोजना की कल्पना अटल बिहारी बावजेयी की सरकार 2003 में ही हुई थी। देश के आर्थिक विकास के लिए इस परियोजना को बहुत अहम माना जा रहा है। जानकारों के मुताबिक इसके पूरा होने पर देश का सकल घरेलू उत्पाद 2 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा।
इसके तहत 12 मुख्य और 185 छोटे बंदरगाहों और 7500 किलोमीटर में फैले तटीय इलाके का आधुनिकिकरण किया जाना है। इसके अलावा बंदरगाहों तक रोड कनेक्टिविटी सुधारना है, ताकि सामान लाना ले जाना आसान बने और इसकी लगात भी घटे। परियोजना के पूरा होने पर अनुमान है कि हर साल करीब 35 हजार करोड़ की रसद लागत घटेगी साथ ही इससे 10 मिलियन नए रोजगार भी लोगों को मिलेंगे। इस परियोजना पर करीब 4 लाख करोड़ रुपए का खर्च आएगा और 2022 तक इसके पूरा होने की उम्मीद है।
3. मालगाड़ी के लिए अलग ट्रैक
अभी तक यात्री ट्रेने और मालगाड़ी के लिए एक ही ट्रैक है, जिसकी वजह से अक्सर ट्रेन लेट हो जाती है, लेकिन सरकार की ये परियोजना अगर पूरी हो जाती है तो बहुत बड़ी समस्या हल हो जाएगी।
एक ही ट्रैक पर होने की वजह से यात्री ट्रेने अक्सर लेट हो जाती हैं। चूंकि मालगाड़ी बहुत स्पीड में नहीं चल पाती इसलिए पीछे की ट्रेनें भी लेट हो जाती हैं। इस नई परियोजना के तहत 3300 किलोमीटर के ट्रैक बनेंगे। इस वजह से ट्रेनें अब से ढाई गुना ज़्यादा सामान ले जा पाएंगी और उनकी रफ्तार में भी सुधार होगा। साथ ही यात्रियों को भी ट्रेन की लेट-लतीफी से छुटकारा मिल जाएगा। यह परियोजना भी 2022 तक पूरी हो सकती है।
4. वर्ल्ड वन टावर
मुंबई में बन रही यह इमारत जब पूरी हो जाएगी तो भारत भी उन देशों में शुमार हो जाएगा, जिनके पास दुनिया की सबसे ऊंची इमारतें हैं। ये बिल्डिंग दुनिया की सबसे ऊंची आवासीय गंगनचुंबी इमारत बन जाएगी। 2019 तक इसके पूरा होने की उम्मीद है।
इस टावर में 117 मंजिलें और 290 अमार्टमेंट होंगे। लोधा ग्रुप की इस बिल्डिंग में एक अपार्टमेंट की कीमत करीब 15 करोड़ रुपए होगी।
5. अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण व्यापार कॉरिडोर
वर्तमान में यूरोप और रूस से व्यापार के लिए भारत को जहाज से नीदरलैंड के रोटरडैम बंदरगाह के जरिए जाना पड़ता है, लेकिन इस नए कॉरिडोर के बन जाने पर ये दूरी 40 प्रतिशत तक घट जाएगी।
72 हजार किलोमीटर लंबे रूट में मुंबई से ईरान के बंदर अब्बास पोर्ट तक जहाज के जरिए सामान जाएगा और वहां से सड़क मार्ग से रूस और बाकी जगह। इससे व्यापार आसान और किफायती हो जाएगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि नया कोरिडोर बन जाने पर 40 दिन की यात्रा सिर्फ़ 25 दिनों में पूरी हो जाएगी।
6. स्टैचू ऑफ यूनिटी
सरदार पटेल की यह मूर्ति दुनिया कि सबसे ऊंची मूर्ति संरचना होगी। यह प्रतिमा 182 मीटर ऊंची होगी जो चीन के स्प्रिंग बुद्धा मंदिर से भी ऊंची होगी। फिलहाल चीन के इस मंदिर की प्रतिमा सबसे ऊंची है। यह प्रतिमा गुजरात के वडोदरा के पास साधु बेट नदी पर बन रही है और इसकी कुल लागत 3 हजार करोड़ है। इस प्रतिमा को बनाने का काम 2013 में शुरू हुआ था और इस साल सरदार पटेल की जंयती पर इसके पूरा होने की उम्मीद है।
7. बुलेट ट्रेन
ये देश की सबसे चर्चित परियोजनाओं नें से एक है। इससे सैकड़ों की दूरी कुछ घंटों में ही पूरी हो जाएगी। इस परियोजना के 2023 में पूरा होने की उम्मीद है। बुलेट ट्रेन गुजरात और मुंबई के बीच चलेगी। इसके पूरा होने पर अहमदाबाद से मुंबई की दूरी 7 घंटे की बजाय 2 घंटे 8 मिनट की रह जाएगी। इस ट्रेन में एकसाथ 1600 यात्री सफर कर सकते हैं और इसकी रफ्तार 350 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। बुलेट ट्रेन का किराया प्रति यात्री करीब 3 हजार रुपए होने की उम्मीद है।